(ख) मन में लक्ष्य भरने का आशय स्पष्ट करके लिखिए।
(ग) जादू को जकड़ द्वारा लेखक क्या कहना चाहता है ? लिखिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) फणीश्वरनाथ रेणु के किसी एक उपन्यास का नाम लिखिए।
(ख) जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सहो उहराया।
() कहानी के किस-किस मोड़ पर लटन के जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आए?
(१) "तरुणों के लिए जैसे भविष्य उज्जवल होता है, वैसे ही उसों के लिए अतीत।"
लेखक द्वारा ऐसा कहने के पीछे क्या आशय है। समझाकर लिखिए।
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ इल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर
बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों? कोई चार कारण लिखिए।
Answers
¿ मन में लक्ष्य भरने का आशय स्पष्ट करके लिखिए ?
✎... मन में लक्ष्य भरने का आशय है कि जब भी बाजार जाओ तो मन खाली ना हो, यदि मन खाली होगा तो बाजार जाने का औचित्य नहीं है, क्योंकि मन खाली होने पर उसमें व्यर्थ की इच्छाएं आकांक्षाएं होंगी और बाजार से गैर जरूरी चीजें खरीदने का मन करेगा। इसलिए मन खाली ना लेकर मन को लक्ष्य से भर कर जाना चाहिए, वह लक्ष्य जिसमें अनावश्यक चीजों को ना खरीदने का संकल्प निहित हो। यदि मन इस बात के लक्ष्य से भरा होगा तो बाजार फैला-फैला नजर आएगा और तब बाजार से केवल वही चीजें खरीद लेंगे, जिसकी हमें वास्तव में आवश्यकता है। तब बाजार हमसे कृतार्थ होगा और आनंद देगा और बाजार का सच्चा लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
¿ जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही उहराया।
✎... लेखक का अपनी जीजी के प्रति बहुत अगाध प्रेम और विश्वास था, इसलिए जब उसकी जीजी उसके मना करने के बाद भी इंदर सेना रूपी बच्चों पर घर का बचा पानी डाल देती है, तो लेखक परेशान हो उठता है। उसे जीजी की यह बात पसंद नहीं आई। वो स्वयं ऐसा कार्य नहीं करता और अपनी जीजी को भी अच्छा ना करने के लिए कहता है, लेकिन जीजी के तर्क के आगे वह हार मान जाता है और फिर वह ऐसे कार्य और बातों को मानने के लिए विवश हो जाता है, जिस पर उसे पहले विश्वास नहीं था।
¿ यशोधर बाबू की पली समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों? कोई चार कारण लिखिए।
✎... यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। इसके चार कारण इस प्रकार हैं...
1. यशोधर बाबू के सोच विचार पुराने ढंग के थे। वे पुरानी पीढ़ी के हिसाब से सोचते थे जबकि उनकी पत्नी अपने बच्चों की नई पीढ़ी के हिसाब से ढल गईं। यशोधर बाबू बच्चों के अनुसार नहीं ढल पाए जबकि उनकी पत्नी ने स्वयं को बच्चों के अनुसार ढाल लिया।
2. यशोधर बाबू पर किशन दा के व्यक्तित्व का बहुत प्रभाव पड़ा था और किशन दा सिद्धांतों पर जीने वाले व्यक्ति थे, इसी कारण यशोधर बाबू भी सिद्धांतों का पालन करते थे।
3. यशोधर बाबू हमेशा अपने परिवार से बहुत दूर रहे थे, जबकि उनकी पत्नी हमेशा अपने बच्चों के साथ ही रहे इसीलिए उनकी पत्नी ने शीघ्र ही स्वयं को बच्चों के अनुकूल ढाल लिया जबकि यशोधर बाबू बच्चों से दूर रहने के कारण उनके अनुकूल नहीं ढाल पाए।
4. यशोधर बाबू परिवार से दूर रहने के कारण पारिवारिक क्रियाकलापों से दूर रहे, ये भी एक कारण रहा।
¿ तरुणों के लिए जैसे भविष्य उज्जवल होता है, वैसे ही वृद्धों के लिए अतीत।" लेखक द्वारा ऐसा कहने के पीछे क्या आशय है ? समझाकर लिखिए।
✎... इस कथन के पीछे लेखक का कहने का आशय यह है कि हमेशा दूर के ढोल सुहावने लगते हैं। तरुणों यानि नवयुवकों से उनका भविष्य दूर होता है तथा वृद्धों से उनका बचपन दूर हो जाता है। इसलिए नवयुवकों को हमेशा अपना भविष्य तथा वृद्धों को हमेशा अपना बीता हुआ बचपन प्रिय लगता है। जो उनसे दूर है वही प्रिय है, यह बिल्कुल उसी तरह है जिस तरह दूर के ढोल सभी को सुहावने लगते हैं।
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Explanation:
please mark as best answer and thank me