(ख) मनुष्य को अपना भाग्यविधाता स्वयं क्यों होना चाहिए?
(i) बोकि दूसरो के भरोसे रहकर मनुष्य का संकल्प क्षीण होता है
(ii) क्योकि इससे निर्णय क्षमता का अभाव होता है
iii) क्योकि इससे विकास रुक जाता है
(iv) उपरोक्त सभी
Answers
Answered by
2
Answer:
Option A is correct
Hope it helps you ✌️
Answered by
0
Answer:
last option uprokt sabhi
Explanation:
please mark me as a brainlist
Similar questions