खून का धूट पीकर रह जाना का अरथ और वाक्य मे प्रयोग
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ख़ून का घूँट पीकर रह जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है। अर्थ- अपना क्रोध प्रकट या दु:ख लक्षित न होने देना। प्रयोग- होरी ख़ून का घूँट पीकर रह गया।
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- मुहावरों और कहावतों का उपयोग भाषा की समृद्धि और उसकी अभिव्यंजक क्षमता के विकास के लिए उपयोगी है।
- भाषा में इनके प्रयोग से जीवंतता और प्रवाह आता है, जिससे पाठक या श्रोता शीघ्र ही प्रभावित हो जाते हैं।
- भाषा में इनका जितना अधिक प्रयोग होगा, इसकी अभिव्यक्ति क्षमता उतनी ही अधिक प्रभावशाली और रुचिकर होगी।
- मुहावरा शब्द अरबी भाषा से आया है जिसका अर्थ है 'अभ्यास करना' या 'अभ्यस्त होना'।
- उदाहरण के लिए, एक मुहावरा है- 'काठ का उल्लू'। इसका मतलब यह नहीं है कि उल्लू लकड़ी से बना है, लेकिन इसका मतलब है कि उल्लू (मूर्ख) जो लकड़ी से बना है, वह हमारे किसी काम का नहीं है, उसमें जीवन नहीं है। इस प्रकार हम इसका अर्थ 'महामूर्ख' से लेते हैं।
खून का धूट पीकर रहना एक लोकप्रिय कहावत या हिंदी मुहावरा है।
अर्थ - अपने क्रोध को व्यक्त न होने दें या दुख को निशाना न बनने दें.
प्रयोग - नितिन खून का घूंट पीकर रह गया।
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