(ख) निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
1.
अपने तन की रग-रग में
जिसका अविरल संचार है।
रक्त अन्न से बना, इस
धरती का ही उपहार है।
2. धरती की सेवा का मतलब
जन-जन से ही प्यार हो,
ऊँच-नीच की भेद-भावना
हमें नहीं स्वीकार हो।
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