Hindi, asked by aadarshsuman, 3 months ago

खान पान की बदलती तस्वीर हमारे लिए क्या दुर्भाग्य की क्या बात होगी​

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Answered by jhaBicky437
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Answer:

यहाँ मिश्रित संस्कृति से लेखक का तात्पर्य विभिन्न प्रांतो व देशों के व्यंजनों के अलग-अलग प्रकारो का मिला जुला रूप है। उदाहरण के लिए आज एक ही घर में हमें दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय व विदेशी व्यंजनों का मिश्रित रूप खाने में मिल जाता है। जैसे – कभी ब्रेड तो कभी पराठे, कभी सांभर-डोसा तो कभी राजमा जैसे व्यंजन। यह खान पान की मिश्रित संस्कृति का रूप है।

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