खाने पीने की कमी न होने पर भी लाला के पास ढाई सौ रूपए क्यों नहीं थे ?
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लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाज़ार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब किराया उतर आता था। अच्छा खाते थे, अच्छा पहनते थे, पर ढाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते थे।
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Answer:
लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाज़ार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब किराया उतर आता था। अच्छा खाते थे, अच्छा पहनते थे, पर ढाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते थे। इसलिए जब उनकी पत्नी ने एक दिन एकाएक ढाई सौ रुपये की माँग पेश की, तब उनका जी एक बार ज़ोर से सनसनाया और फिर बैठ गया। उनकी यह दशा देखकर पत्नी ने कहा-“डरिए मत, आप देने में असमर्थ हों तो मैं अपने भाई से माँग लूँ?”
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