खान-पान की मिश्रित संस्कृति से कामकाजी महिलाओं को क्या लाभ हुआ है ?
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Answer:
Khan pan ki mishrit sanskruti se kamkaji mahilao ko nimanlikhit labh hote hai:-
1) Jaldi khana ban jata hai.
2) Samay ki bachat hoti hai.
3) Parishram bhi kam lagata hai.
4) Nay-nay pakwano ke swad ka pata chalta hai.
Explanation:
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Answer:
खानपान में बदलाव से निम्न फ़ायदे हैं-
एक प्रदेश की संस्कृति का दूसरे प्रदेश की संस्कृति से मिलना।
राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलना।
गृहिणियों व कामकाजी महिलाओं को जल्दी तैयार होने वाले विविध व्यंजनों की विधियाँ उपलब्ध होना।
बच्चों व बड़ों को मनचाहा भोजन मिलना।
देश-विदेश के व्यंजन मालूम होना।
स्वाद, स्वास्थ्य व सरसता के आधार पर भोजन का चयन कर पाना।
खानपान में बदलाव से होने वाले फ़ायदों के बावजूद लेखक इस बदलाव को लेकर चिंतित है क्योंकि उसका मानना है कि आज खानपान की मिश्रित संस्कृति को अपनाने से नुकसान भी हो रहे हैं जो निम्न रूप से हैं
स्थानीय व्यंजनों का चलन कम होता जा रहा है जिससे नई पीढी स्थानीय व्यंजनों के बारे में जानती ही नहीं
खाद्य पदार्थों में शुद्धता की कमी होती जा रही है।
उत्तर भारत के व्यंजनों का स्वरूप बदलता ही जा रहा है।