Hindi, asked by drsatyavanshi73, 10 hours ago

(ख) सियाने यह भी कह गए हैं कि जो अतीत
से सबक हासिल नहीं करता, वह वर्तमान में
भी अन्धा और भविष्य में भी अन्धा बना
रहता है, आप कहते हैं, मैं पीछे मुड़कर
नहीं देखा करूँ, मुझे इस ब्याह में मिला क्या
है ? छोटी-सी थी जब मैं इसके घरै ब्याह
कर आई थी। घर में हानूश को कोई पूछता
ही नहीं था। दुनिया में इज्जत भी उसी की
होती है जिसका घरवाला कमाने वाला हो।
वह सभी की पूँछ बना घूमता था और आज
यह दिन आया तो इसकी हालत सुधरने के
बजाय और भी नीचे गिरती गई हैं।
अथवा
भूमा का युग और उसकी महत्ता का जिसको
आभासमात्र हो जाता है, उसको ये नश्वर
चमकीले प्रदर्शन नहीं अभिभूत कर सकते,
दूत ! वह किसी बलवान की इच्छा का क्रीड़ा-
कन्दुक नहीं बन सकता।​

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Answered by abhishekk73337
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Answer:

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