'खुसबू रचते हैं हाथ' कविता का सारांश अपने शब्दोँ में लिखिए-
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खुशबू रचते हैं हाथ' में कवि ने हमारा ध्यान समाज के उपेक्षित वर्ग की ओर खींचने का प्रयास किया है। ये अगरबत्ती बनाने वाले लोग हैं जो की हमारी जिंदगी को खुश्बुदार बनाकर खुद गंदगी में जीवन बसर कर रहे हैं। वे नालियों के बीच, कूड़े-करकट के ढेरों में रहकर अगरबत्ती बनाने का काम अपने हाथों से करते हैं।
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