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सबसे सयानी हो गयी है।
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¿ सबसे सयानी हो गयी है।
✎... ‘सबसे सयानी हो गई है’ इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने सरसों के सयानी होने का वर्णन किया है।
‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में कवि ‘केदारनाथ अग्रवाल’ ने सयानी होने का यह वर्णन सरसों की फसल पकने के संदर्भ में किया है, और उसका मानवीकरण किया है।
यहां पर सयानी होने के तीन अर्थ हैं, पहला, समझदार होना, दूसरा, यौवन पा लेना और तीसरा, शत्रु हो जाना। यहाँ सरसों के विषय में सयानी कवि ने सरसों के युवती होने का संकेत किया है और बताया है कि वह विवाह योग्य हो गई है, इसलिए उसने अपने हाथ पीले कर लिए हैं।
जब सरसों खिलती और पकती है, तो पूरा खेत पीला हो जाता है। इसी तरह कवि ने कहा है कि सरसों ने सयानी होकर उसने अपने हाथ पीले कर लिए हैं। सरसों के पकने पर चारों तरफ हलचल मच जाती है और फागुन का महीना आ जाता है और उल्लास का वातावरण छा जाता है। उसी तरह युवती के विवाह होने पर भी चारों तरफ हर्षोल्लास का वातावरण होता है। कवि ने दोनों संदर्भों को एक दूसरे में जोड़कर सुंदर समन्वय किया है।
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