ख) समस्त दिशाएँ खुलने' से कवि का क्या तात्पर्य है?
(ग) हवाएँ, सीमाएँ व प्रतिमाएँ- इन शब्दों द्वारा कवि ने क्या कहा है।
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(ख) समस्त दिशाएँ खुलने' से कवि का क्या तात्पर्य है?
समस्त दिशाएं खुलने से कवि का तात्पर्य है कि स्वतंत्रता पराधीनता के समय जिस तरह की विषम परिस्थितियां बनी थीं, वह अब दूर हो चुकी हैं और चारों तरफ की दिशाएं खुल चुकी हैं। मानव अब किसी भी दिशा में विचरण करने के लिए स्वतंत्र है ,उसे कोई रोकने टोकने वाला नहीं।
(ग) हवाएँ, सीमाएँ व प्रतिमाएँ- इन शब्दों द्वारा कवि ने क्या कहा है।
हवाएं, सीमाएं व प्रतिमाएं इन शब्दों के माध्यम से कवि का कहना है कि चिरकाल से बंधी हवाएं अब खुलकर चलने लगी हैं। हमारे ऊपर जो बंदिशें लगाई गई थी और सीमा बना दी गई थी ,वह सीमा अब टूट चुकी हैं। पुराने भेजें और पुराने विदेशी शासन की प्रतिमाएं टूटकर नए प्रतीक उसकी जगह ले रहे हैं इस तरह हवाएं, सीमाएं और प्रतिमाओं में परिवर्तन के कारण स्वतंत्रता की नई बयार बह चली है प्रगति के इस तूफान को हम सभी देशवासियों को कमजोर नहीं पड़ने देना है।
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idk
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