Hindi, asked by ubaidraye706, 3 months ago

खुशियाँ बॉटने से बढ़ती है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।​

Answers

Answered by Anonymous
10

Answer:

गम बाँटने से कम होता है और खुशियाँ बाँटने से और बढ़ती हैं। खुश होने पर हम अपनी खुशियों के बारे में अपने परिवार, रिश्तेदार तथा मित्रों को बताते हैं, तो वे भी हमारी खुशियों में शामिल हो जाते हैं। इससे हमारी खुशी और बढ़ जाती है। ... इसीलिए हमें अपने जीवन की छोटी-सी-छोटी खुशियाँ भी दूसरों को बाँटनी चाहिए।

Explanation:

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Answered by IINiRII
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Explanation:

हाँ ,इस दुनिया में भले ही लोग भौतिक साधनों को प्राप्त करने की दौड़ में हों पर सुकून और आत्मिक शांती हमेशा दान करने और जरूरतमंद की मदद करने से मिलती है।

आप भी वो खुशी महसूस कर सकते हैं।

कैसे?

कड़ी धूप में सड़क पर काम कर रहे किसी मजदूर या मजबूर को सिर्फ एक गिलास ठंड़ा पानी पिला कर देखिए।

कचरे के ढ़ेर में खाने बीनने वाले बच्चों को दो रोटी देकर देखिए।

जाड़ों में ठिठुरते मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों को अपने पुराने कपड़े, स्वेटर या कोई फटा कंबल देकर देखिए।

किसी अनाथ बच्चे को 5 रूपये वाला बिस्किट का पैकेट देकर देखिए।

अपनी छत पर मिट्टी के पात्र में गिलहरी, चिड़ियों के लिए पानी - चंद चावल के दाने रखकर देखिऐ।

घर के बाहर पानी का छिडकाव करने की जगह एक बड़ी सी सीमेंट या प्लास्टिक की टंकी में आवारा कुत्तों और गायों के लिए पानी रखकर देखिए, आपके शरीर ही नहीं आत्मा तक को ठंडक मिलेगी।

इनमे से हर रोज कोई भी एक काम करें, आप दूसरों को खुशियाँ बाँट कर तो देखिए वो खुशियाँ दोगुनी होकर आपको महसूस होंगीं।

रहीम जी का एक दोहा भी है-

यों रहीम सुख होत है, उपकारी के अंग।

बाटनवारी के लगे, ज्यों मेंहंदी के रंग।।

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