Hindi, asked by OmBirari9546, 9 hours ago

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर केवल जिल्द बदलती पोथी जैसे रात उतार चाँदनी पहने सुबह धूप की धोती.

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Answered by s08jytfhj
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gopla Das neraj writer ha

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