Hindi, asked by bansalrenu313, 11 months ago


खेत की धरती बने न बंजर, चले न जादू-टोना
दुकिया दादी, अन्नों बेटा,
झूम-झूम कर गाएँ,
पकी फसल को डसने वाले,
सफल नही हो पाएँ।।
'सत्यमेव जयते' बन-बनके , खाएँ भर-भर दौना
सुखुवा, दुखुवा, गंगू, मंगू .
खुद ही जोते –बोएँ।
अपनी फसल आप ही काटें,
• और न ज्यादा रोएँ।।
जो खोया सो खोया भइया, वक्त नही अब खोना।
प्रगति पथ पर निर्माणों के
नव स्वर संधानों।
समता की सुरसरि के.
सुख को भागीरथ जानो।।​

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

nice poem..... but what can we do???

Answered by 07miracle
3

Answer:

oh, a wonderful poem

Explanation:

did you wrote it‽

by the way, you posted it(as a question)?

wonderful.

plZ mark it as the briliantest ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

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