खित1. बाबा भारती ने खड्गसिंह से सुलतान की प्रशंसा किन शब्दों में की? ।2. खड्गसिंह ने सुलतान को पाने के लिए क्या युक्ति अपनाई?3. बाबा भारती की चीख में भय, विस्मय और निराशा क्यों थी?4. बाबा भारती ने खड्गसिंह से क्या प्रार्थना की और क्यों?5. बाबा भारती द्वारा अपने अनुरोध का कारण समझाने के वाद खड्गसिंह के मन में6. घोड़े को पुन: पाकर बावा भारती ने अपनी प्रसन्नता किस रूप में व्यक्त की?
Answers
Explanation:
1. “विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।” यह कथन बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कहा। बाबा भारती ने यह वाक्य इसलिए कहा कि खड्गसिंह को 'सुलतान' को देखने की चाह थी। जो भी कोई उनके घोड़े की प्रशंसा करता, वे अति प्रसन्न होते और खुशी से उसके गुणगान करने लगते।
2.सुबह जब बाबा भारती अपने अस्तबल में गए, तो उनका घोड़ा 'सुल्तान' हिनहिना रहा था। ... डाक़ू खड्ग सिंह की आत्मा ने उसे धिक्कारा और वह रात को ही घोड़ा चुपचाप वापस बाबा के अस्तबल में बाँध आया।
3.' बाबा भारती ने घोड़े से उतरकर अपाहिज को घोड़े पर सवार किया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे। ... उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब उन्होंने देखा कि अपाहिज घोड़े की पीठ पर तनकर बैठा है और घोड़े को दौड़ाए लिए जा रहा है। उनके मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई।
5. बाबा उस घोड़े से बहुत प्यार करते थे और उसकी सेवा करते थे एक दिन सुल्तान के बारे में सुनकर उस इलाके का डाकू खड्गसिंह बाबा भारती के पास आया और उसने सुल्तान को देखने की इच्छा जताई। ... बाबा के पूछने पर उसने कहा कि मुझे तीन मील दूर एक गाँव में जाना है, लेकिन मैं चलने में लाचार हूँ; आप मुझे अपने घोड़े पर बैठाकर वहाँ पहुँचा दें।