खुदीराम बोस का जीवन हमें क्या सिखाता हैं
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Answer:
खुदीराम बोस
भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी
खुदीराम बोस जन्म: 12 अग्रहायण 1811 / 03 दिसम्बर 1889 [1] - मृत्यु : 20 श्रवण 1830 / 11 अगस्त 1908 ) भारतीय स्वाधीनता के लिये मात्र 19 साल की उम्र में भारतवर्ष की स्वतन्त्रता के लिए फाँसी पर चढ़ गये।
खुदीराम बोस
Khudiram Bose 1905.jpg
युवा क्रान्तिकारी खुदीराम बोस (1905 में)
जन्म
03 दिसम्बर 1889
मिदनापुर, बंगाल
मृत्यु
11 अगस्त 1908 (उम्र 18)
मुजफ्फरपुर, बंगाल प्रेसिडेन्सी (आजकल बिहार में)
मृत्यु का कारण
फाँसी
राष्ट्रीयता
भारतीय
व्यवसाय
स्वतन्त्रता सेनानी
प्रसिद्धि कारण
स्वतन्त्रता संग्राम में भूमिका
कुछ इतिहासकारों की यह धारणा है कि वे अपने देश के लिये फाँसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के ज्वलन्त तथा युवा क्रान्तिकारी देशभक्त थे। लेकिन खुदीराम से पूर्व 17 जनवरी 1872 को 68 कूकाओं के सार्वजनिक नरसंहार के समय 13 वर्ष का एक बालक भी शहीद हुआ था। उपलब्ध तथ्यानुसार उस बालक को, जिसका नंबर 50वाँ था, जैसे ही तोप के सामने लाया गया, उसने लुधियाना के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कावन की दाढ़ी कसकर पकड़ ली और तब तक नहीं छोड़ी जब तक उसके दोनों हाथ तलवार से काट नहीं दिये गए बाद में उसे उसी तलवार से मौत के घाट उतार दिया गया था
Answer:
no
Explanation:
no okkkkkkkkkkkkkkkkkk