Hindi, asked by bpnboruah, 4 months ago

खिड़की से गुनगुनाती धूप छनकर आ रही है| वाकय में विशेषण शब्द है​

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Answered by ayush111o
1

Answer:

गुनगुनाती is answer

good afternoon

Answered by TheMathLoverGirl
20

परिभाषा

प्रकार

प्रविशेषण

तुलनाबोधक विशेषण

“जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता अथवा हीनता बताए, ‘विशेषण’ कहलाता है और वह संज्ञा या सर्वनाम ‘विशेष्य’ के नाम से जाना जाता है।”

नीचे लिखे वाक्यों को देखें-

अच्छा आदमी सभी जगह सम्मान पाता है।

बुरे आदमी को अपमानित होना पड़ता है।

उक्त उदाहरणों में ‘अच्छा’ और ‘बुरा’ विशेषण एवं ‘आदमी’ विशेष्य हैं। विशेषण हमारी जिज्ञासाओं का शमन (समाधान) भी करता है। उक्त उदाहण में ही-

कैसा आदमी? – अच्छा/बुरा

विशेषण न सिर्फ विशेषता बताता है; बल्कि वह अपने विशेष्य की संख्या और परिमाण (मात्रा) भी बताता है।

जैसे-

पाँच लड़के गेंद खेल रहे हैं। (संख्याबोधक)

इस प्रकार विशेषण के चार प्रकार होते हैं-

गुणवाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण

परिमाणवाचक विशेषण

सार्वनामिक विशेषण

1. गुणवाचक विशेषण

“जो शब्द, किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, रंग, आकार, अवस्था, स्थिति, स्वभाव, दशा, दिशा, स्पर्श, गंध, स्वाद आदि का बोध कराए, ‘गुणवाचक विशेषण’ कहलाते हैं।”

गुणवाचक विशेषणों की गणना करना मुमकिन नहीं; क्योंकि इसका क्षेत्र बड़ा ही विस्तृत हुआ करता है।

जैसे-

गुणबोधक : अच्छा, भला, सुन्दर, श्रेष्ठ, शिष्ट,

दोषबोधक : बुरा, खराब, उदंड, जहरीला, …………….

रंगबोधक : काला, गोरा, पीला, नीला, हरा, …………….

कालबोधक : पुराना, प्राचीन, नवीन, क्षणिक, क्षणभंगुर, …………….

स्थानबोधक : चीनी, मद्रासी, बिहारी, पंजाबी, …………….

गंधबोधक : खुशबूदार, सुगंधित, …………….

दिशाबोधक : पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी, …………….

अवस्था बोधक : गीला, सूखा, जला, …………….

दशाबोधक : अस्वस्थ, रोगी, भला, चंगा, …………….

आकारबोधक : मोटा, छोटा, बड़ा, लंबा, …………….

स्पर्शबोधक : कठोर, कोमल, मखमली, …………….

स्वादबोधक : खट्टा, मीठा, कसैला, नमकीन …………….

गुणवाचक विशेषणों में से कुछ विशेषण खास विशेष्यों के साथ प्रयुक्त होते हैं। उनके प्रयोग से वाक्य बहुत ही सुन्दर और मज़ेदार हो जाया करते हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-

इस चिलचिलाती धूप में घर से निकलना मुश्किल है।

इस मोहल्ले का बजबजाता नाला नगर निगम की पोल खोल रहा है।

मुझे लाल-लाल टमाटर बहुत पसंद हैं।

शालू के बाल बलखाती नागिन-जैसे हैं।

नोट : उपर्युक्त वाक्यों में चिलचिलाती ………. धूप के लिए, बजबजाता ………. नाले के लिए, लाल-लाल …….. टमाटर के लिए और बलखाती ………… नागिन के लिए प्रयुक्त हुए हैं। ऐसे विशेषणों को ‘पदवाचक विशेषण’ कहा जाता है।

क्षेत्रीय भाषाओं में जहाँ के लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं, वे कभी-कभी उक्त विशेषणों से भी जानदार विशेषणों का प्रयोग करते देखे गए हैं।

जैसे-

बहुत गहरे लाल के लिए : लाल टुह-टुह

बहुत सफेद के लिए : उज्जर बग-बग/दप-दप

बहुत ज्यादा काले के लिए : कार खुट-खुट/करिया स्याह

बहुत अधिक तिक्त के लिए : नीम हर-हर

बहुत अधिक हरे के लिए : हरिअर/हरा कचोर/हरिअर कच-कच

बहुत अधिक खट्टा के लिए : खट्टा चुक-चुक/खट्टा चून

बहुत अधिक लंबे के लिए : लम्बा डग-डग

बहुत चिकने के लिए : चिक्कन चुलबुल

बहुत मैला/गंदा : मैल कुच-कुच

बहुत मोटे के लिए : मोटा थुल-थुल

बहुत घने तारों के लिए : तारा गज-गज

बहुत गहरा दोस्त : लँगोटिया यार

बहुत मूर्ख के लिए : मूर्ख चपाट/चपाठ

नीचे दिए गए विशेषणों से उपयुत विशेषण चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

मूसलाधार, प्राकृतिक, आलसी, बासंती, तेजस्वी, साप्ताहिक, टेढ़े-मेढ़े, धनी, ओजस्वी, शर्मीली, भाती, पीले-पीले, लजीज, बर्फीली, काले-कजरारे, बलखाती, पर्वतीय, कड़कती, सुनसान, सुहानी, वीरान, पुस्तकीय, बजबजाता, चिलचिलाती,

………… धूप को जो चाँदनी देते बना।

उसके ……… घाव से मवाद रिस रहा है।

………… बादलों को उमड़ते-घुमड़ते देख कृषक प्रसन्न हो उठे।

……बरसता पानी, जरा न रुकता लेता दम।

उस बालक का चेहरा बड़ा ………… था।

आज माँ ने बड़ा ……….. भोजन बनाया है।

कई मुहल्लों की गलियाँ बच्चों के बिना ……….. हो गईं।

………. प्रदेशों की यात्रा बहुत ही आनन्दप्रद होती है।

उन वादियों की …… सुषमा बड़ी चित्ताकर्षक है।

रविवार को ….. अवकाश रहता है।

वह लड़की बहुत ………… है।

जोरों की ……….. हवा चलने लगी।

……… बिजली से आँखें धुंधिया गईं।

………… ज्ञान से व्यावहारिक ज्ञान अधिक प्रामाणिक होता है।

……….. व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं होते।

ये ………. रास्ते उन्हीं बस्तियों की ओर जाते हैं।

……….. गाय अपने बछड़े के लिए परेशान है।

चतरा जिले की ……….. घाटियाँ बड़ी डरावनी हैं।

………. हवा के स्पर्शन से मन उत्फुल्ल हो जाता है।

बगैर शोषण के कोई ………….. नहीं होता।

………….. रसीले आम देख लार टपकने लगी।

उसकी ……….. कमर देख म्यूजिकल फीलिंग होती है।

…………….. चाँदनी रातें बड़ी मनभावन होती हैं।

कहो तो तेरी ………. छुट्टी भी रद्द करवा दूँ।

संख्यावाचक विशेषण

“वह विशेषण, जो अपने विशेष्यों की निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए, ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहलाता है।”

जैसे-

उस मैदान में पाँच लड़के खेल रहे हैं।

इस कक्षा के कुछ छात्र पिकनिक पर गए हैं।

उक्त उदाहरणों में ‘पाँच’ लड़कों की निश्चित संख्या एवं ‘कुछ’ छात्रों की अनिश्चित संख्या बता रहे हैं।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण भी कई तरह के होते हैं-

1. गणनावाचक : यह अपने विशेष्य की साधारण संख्या या गिनती बताता है। इसके भी दो प्रभेद होते हैं-

(a) पूर्णांकबोधक/पूर्ण संख्यावाचक : इसमें पूर्ण संख्या का प्रयोग होता है।

जैसे-

चार छात्र, आठ लड़कियाँ …………

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