(ख) विचार लो कि मृत्यु हो न मृत्यु से डरो कभी, मरो परंतु यो मरो, की याद जो करे सभी। हुई ना यो सुमृत्यु तो वृथा मरे वृथा जिए, मरा नहीं वही की जो जिया ना आपके लिए। यही पशु-प्रवृति है कि आप-आप ही चरे, मनुष्य वही है जो मनुष्य के लिए मरे। (क) कवि किस प्रकार की मृत्यु को अच्छा समझता है? (ख) कवि ने किस बात को पशु प्रवति कहा है? (ग) उपरोक्त कविता का आशय अपने शब्दों में लिखिए? (घ) योजक चिन्ह वाले दो शब्दों को कविता से ढूंढ कर लिखिए? (ङ) वृथा का अर्थ लिखिए।
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1 ) मनुष्य वहीं जो मनुष्य के लिए मरे
2) मरा नहीं वहीं की जो जिया ना आपके लिए यही पशु प्रवर्ती है कि आप आप ही चरे
मार्क में ब्रेनलिस्ट
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