ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की यह किसकी कविता है
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harivanshrai bacchan
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ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की यह कविता हरिवंश राय बच्चन जी की है।
- ख्वाहिश नहीं मशहूर होने की हरिवंशराय बच्चन जी की रचित कविता है। वे एक महान कवि थे। मशहूर फिल अभिनेता श्री अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र है।
- हरिवंशराय बच्चन जी ने इस कविता के माध्यम से यह कहने का प्रयत्न किया है कि मैं यश नहीं चाहता कि मै पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो जाऊ, मै बस इतना चाहता हूं कि लोग मुझे समझे।
- वे कहते है कि जिसने मुझे बुरा समझा , बुरा व्यक्ति माना, जुड़ने अच्छा समझा , उसने मुझे अच्छा माना।
- वे कहते है कि जो जीतता है यह संसार उसके साथ हो लेता है परन्तु जब कोई हार जाता है तो दुनिया उसका साथ छोड़ देती है।
- कवि आगे कहते है कि मै अपनी औकात न भूलू इसलिए अक्सर मिट्टी पर बैठ जाता हूं।
- कवि कहते है कि मैंने समंदर से जीने का तरीका सीख लिया है , चुपचाप बहना तथा आगे बढ़ना, अपनी मौज में रहना।
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