Hindi, asked by holusingh00904, 6 months ago


ख. विविध रंग के पुष्प कैसे प्रतीत होती है?

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Answered by bhatiamona
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ख. विविध रंग के पुष्प कैसे प्रतीत होती है ?

विविध रंगो के खिले हुए पुष्प ऐसे प्रतीत हो रहे हैं, जैसे प्रकृति के हृदय पर फूलों की कोई माला शोभायमान हो रही हो।

व्याख्या :

‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि बसंत का वातावरण है। चारों तरफ हरियाली छाई हुई है और फूल पत्तियों से लगा हुआ वातावरण मनमोहक सुगंध बिखेर रहा है। प्रकृति में चारों तरफ विविध रंगों के खिले हुए फूल ऐसे दिखाई दे रहे हैं। जैसे प्रकृति के हृदय पर फूलों की माला बिखरी बड़ी हो।

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