Accountancy, asked by rajshreechouhan264, 1 day ago

ख्याति के मूल्यांकन को समझाइए ख्याति के मूल्यांकन की विधियों को समझाइए ​

Answers

Answered by zenaidasanone
4

Answer:

1. औसत लाभ आधार विधि- इस विधि के अन्तर्गत कुछ गत वर्षों के सामान्यत: 3 या 5 वर्षों के लाभों को जोड़कर तथा योग के वर्षों की संख्या का भाग देकर औसत लाभ ज्ञात कर लिया जाता है, तत्पश्चात् किसी सम्मत संख्या या संलेख में दी गयी एक निश्चित संख्या का गुणा करके फर्म की ख्याति का मूल्य ज्ञात कर लिया जाता है।

2. भारित औसत विधि- इस विधि के अनुसार प्रत्येक वर्ष के लाभ में भार का गुणा करके गुणनफल ज्ञात कर लिए जाते हैं। गुणनफलों का योग कर उसमें भार के योग का भाग लगा दिया जाता है। भागफल भारित औसत लाभ कहलाएगा। इसमें निर्धारित वर्ष संख्या का गुणा करके ख्याति का मूल्य ज्ञात कर लिया जाता है।

3. अधिलाभ आधार विधि- अधिलाभ वह अतिरिक्त लाभ है, जो एक फर्म की अपेक्षा अधिक लाभ अर्जित करती है। इस विधि के अन्तर्गत सर्वप्रथम गत वर्षों का औसत लाभ ज्ञात किया जाता है। तत्पश्चात् इस औसत लाभ की तुलना उस ब्याज से की जाती है, जो प्रचलित ब्याज की दर से व्यापार में विनियोजित पूँजी पर निकाला जाता है। ब्याज से औसत लाभ का जितना आधिक्य आता है, वही अधिलाभ कहलाता है। इस अधिलाभ में किसी सम्मत संख्या या साझेदारी संलेख में वर्णित संख्या का गुणा करके ख्याति का मूल्य ज्ञात कर लिया जाता है।

4. पूँजीकरण विधि- इस विधि के अनुसार व्यापार के औसत लाभों को 100 से गुणा किया जाता है और इस गुणनफल को उस व्यापार पर प्राप्त होने वाले सामान्य लाभ की दर से विभाजित किया जाता है। इस प्रकार आयी हई राशि में से फर्म की शुद्ध सम्पत्तियों का मूल्य घटाने के बाद जो राशि बचती है, वह ख्याति की राशि होती है। इस विधि को निम्न सूत्र द्वारा प्रकट किया जा सकता है-

ख्याति = ( औसत लाभ × 100 / सामान्य लाभ का प्रतिशत) - शुद्ध सम्पत्तियाँ

5. वार्षिक विधि- यदि एक साझेदारी फर्म में अधिलाभ हो रहा है तो यह अनुमान लगाया जाता है कि भविष्य में यह लाभ कितने वर्षों तक होता रहेगा। जितने वर्षों तक अधिलाभ प्राप्त करने की आशा होती है, उतने वर्षों के अधिलाभ का वर्तमान मूल्य वार्षिकी विधि द्वारा निकाला जाता है। ख्याति=अधिलाभ x वार्षिक विधि द्वारा 1 रु. का वर्तमान मूल्य

Similar questions