ख्याति क्या है? नए साझेदार को ख्याति का रुपया देने के लिए क्यों कहा जाता है?
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ख्याति एक अदृश्य संपत्ति है जिसका वर्णन करना सरल है . यह व्यवसाय के अच्छे नाम एवं प्रतिष्ठा से मिलने वाला लाभ है.
लिंडले के अनुसार ” ख्याति संबंधों तथा प्रसिद्धि से होने वाला लाभ है ”
ख्याति की विशेषताएयह व्यापार की अदृश्य संपत्ति है.यह मूल्यवान होती है.यह अधिक लाभ कमाने में सहायक होती है.इसका मूल्य बदलता रहता है.ख्याति को प्रभावित करने वाले तत्त्वव्यवसाय का स्थानप्रबंध की कुशलताव्यवसाय की दीर्घकालीन अवधिमाल की प्रकृतिएकाधिकारजोखिमलाभ की मात्रापूँजीप्रतिश्पर्धाख्याति के मूल्याङ्कन की आवश्यकता (need for valuation of goodwill )नये साझेदार के प्रवेश परलाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन होने परसाझेदार के अवकाश ग्रहण करने परसाझेदार की मृत्यु होने परव्यवसाय का बेचान होने परफर्मों के एकीकरण परख्याति के प्रकार ()क्रय की हुई ख्याति :- वह ख्याति जिसके बदले में कोई प्रतिफल चुकाया गया हो. व्यापार को खरीदने के समय संपत्तियों से अधिक मूल्य चुकाने पर अधिक चुकाया गया मूल्य ख्याति होता है.अर्जित ख्याति : वह ख्याति जो व्यापार को चलाने पर बनती है स्व-अर्जित ख्याति होती है. इसका लेखा लेखा मानक 26 तथा 38 के अनुसार पुस्तकों में नहीं होता . फर्म के पुनर्गठन के समय इसका मूल्याङ्कन करते हैं.ख्याति की प्रकृतिसंस्थागत बिल्ली के स्वभाव वाली ख्याति : यह संस्था की अपनी ख्याति है. स्वामी बदलने का भी इस ख्याति में परिवर्तन नहीं होता है.व्यक्तिगत (कुत्ते के स्वभाव वाली ख्याति ) : यह व्यक्ति विशेष के कारण बनने वाली ख्याति होती है. व्यक्ति बदलने पर यह ख्याति उसके साथ ही चली जाती है. यह कुत्ते के स्वभाव की होती है.विशेष घटना वाली ख्याति (चूहे के स्वभाव की ख्याति ) : यह अस्थिर होती है. किसी घटना के होने पार बढ़ या घट सकती है.