खडः क (अपठित बोध)
। निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (5x2-10)
वर्तमान समय में विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है. इस उन्नति ने हमें हर कार्य करने के लिए
अलग -अलग उपकरण प्रदान किये हैं. जैसे - कपडे धोने के लिए मशीन, कपडे सिलने के लिए
सिलाई मशीन, आटा पीसने की मशीन, सब्जी काटने की मशीन, पानी ठंडा करने तथा ओजन
को लम्बे समय तक ताजा रखने के लिए रेफ्रिजरेटर और भी न जाने कितनी ही मशीनों ने
हमारे घरों में अपनी जगह बना ली है. इन मशीनों के कारण मनुष्यों में शारीरिक श्रम की प्रवृति
लगभग समाप्त हो चुकी है एवं विभिन्न बीमारियों ने शरीर में अपना घर बना लिया है. प्राचीन
काल में मशीन तो नहीं थी किन्तु सभी कार्य सरलता एवं सुगमता से होते थे साथ ही शारीरिक
श्रम के कारण मनुष्यों के शरीर निरोगी एवं सुगठित होते थे. सभी मानव लम्बे कद के तथा
कम से कम शतायु तो अवश्य होते थे।
आज हमें तरह तरह की बीमारियों ने जकड़ रखा है. इससे हम
न केवल रोगी है बल्कि अल्पायु भी होने लगे हैं. हमें मशीनों पर अपनी निर्भरता को समाप्त कर
शारीरिक श्रम के महत्व को समझना होगा. जब हम स्वस्थ्य होगे तभी हम किसी भी कार्य को
पूरे मन से सफलता पूर्वक कर पाएंगे. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है
और स्वस्थ मस्तिष्क ही सफलता की सीदी के दवार खोलता है. अतः हमें मशीनों पर अपनी
निर्भरता को रोकना चाहिए और शारीरिक श्रम के महत्व को पहचानकर प्रतिदिन श्रम करना
चाहिए. शारीरिक श्रम को अपनाकर ही हम अपना सच्चा विकास कर पाएंगे।
1. गद्यांश से ता प्रत्यय वाले शब्द छांट कर लिखिए,
2. किन्हीं चार घरेन मशीनों के नाम लिखिए.
3. गद्यांश में क्या अपनाने पर विशेष बल दिया गया है?
4. बताइए कि सफलता की सीढ़ी के द्वार किस प्रकार खुलते हैं?
5. प्राचीन काल में मनुष्य शतायु क्यों होते थे?
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