Hindi, asked by richa775, 5 months ago


खग उडते
रहना
भर मत डर
जीवन
पलय झकोरों से तू, बद आशा इलफारों
से त, क्षण मे यह अरि दल मिट
जाएगी तेरे पखों से पिसफर​

Answers

Answered by kaira3618
0

Answer:

what's the question dude....

Answered by BharatMandloi
1

Answer:

खग! उड़ते रहना जीवन भर!

भूल गया है तू अपना पथ‚

और नहीं पंखों में भी गति‚

किंतु लौटना पीछे पथ पर अरे‚ मौत से भी है बदतर।

खग! उड़ते रहना जीवन भर!

मत डर प्रलय झकोरों से तू‚

बढ़ आशा हलकोरों से तू‚

क्षण में यह अरि–दल मिट जायेगा तेरे पंखों से पिस कर।

खग! उड़ते रहना जीवन भर!

यदि तू लौट पड़ेगा थक कर‚

अंधड़ काल बवंडर से डर‚

प्यार तुझे करने वाले ही देखेंगे तुझ को हँस–हँस कर।

खग! उड़ते रहना जीवन भर!

और मिट गया चलते चलते‚

मंजिल पथ तय करते करते‚

तेरी खाक चढ़ाएगा जग उन्नत भाल और आंखों पर।

खग! उड़ते रहना जीवन भर!

∼ गोपाल दास नीरज

Explanation:

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