Hindi, asked by kijbileaditya, 8 months ago

खलील वाक्यप्रचाराचा अर्थ सांगून वाक्यात उपयोग करा 1) बेचैन होने​

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Answered by BENAZIRSHAIKH
2

Answer:

अशांत , अस्वस्थ , विमनस्क , व्याकुळ , हवालदिल

Answered by bharatpatadia74
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Answer:

THIS IS YOUR ANSWER

Explanation:

मोको कहा ढूंढ़े टूटे बंदे में तो तेरे पास में ना मैं देवल ना मैं मसजिद ना काबे कैलास में। ना तो कौने क्रिया - कर्म में, नहीं योग वैराग में । खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पलभर की तलास में । कहें कबीर सुनो भई साधो, सब स्वासों की स्वास में ॥

परिचय: सबद के इस पद में कबीर द्वारा बाह्याडम्बरों का विरोध एवं अपने भीतर ही ईश्वर की व्याप्ति की ओर संकेत किया गया है। कबीर भक्तिकालीन निर्गुण संत परंपरा के प्रमुख कवियों में से एक हैं। जिनकी रचनाएँ मुख्यतः कबीर ग्रन्थावली में संगृहित हैं। उन्होंने ईश्वर के नाम पर चलने वाले हर तरह के पाखंड, भेदभाव और कर्मकांड का खंडन किया है ।

व्याख्या: कबीर द्वारा रचित इस सबद (पद) में ईश्वर मनुष्य को कहते है कि मुझे कहाँ ढूंढते हो मैं तो तुम्हारे पास ही हूँ। मैं देवालय, मस्जिद, काबा, कैलाश आदि में नहीं हूँ। न ही किसी कर्मकांड या वैराग्य में हूँ । कबीर आगे कहते हैं कि यदि कोई सही मायनों में ईश्वर को खोजे तो वे तुरंत पलभर की तलाश में मिल जाएँगे क्योंकि वे प्रत्येक प्राणों की साँसों में मौजूद हैं।

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