Khali bali meaning from padmaavat song
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खलबली को दो तरीकों से जाना जा सकता है पहला प्रकार भौतिक तथा दूसरा प्रकार भावनात्मक; ध्यान देने योग्य है कि भावनत्मक खलबली ही भौतिक खलबली का कारण बनती है। स्पष्टता के लिए दोनों स्थितयों को अलग-अलग समझिए:
भौतिक खलबली: खलबली किसी ऐसी स्थति को कहा जाता है जिसमें भावनाओं में बह कर या किसी डर के कारण अनुशासन की स्थति बिगड़ जाती है। अर्थात लोगों की भीड़ बिना सोचे समझे इधर उधर भागने लगती है। खलबली की स्थति में सभी जन अपनी वैचारिक शक्ति खो देते हैं तथा अनुशासन का ध्यान न रखते हुए भगदड़ मचाने लगते है। सरल शब्दों में कहा जाए तो वह स्थति जहाँ किसी भी संजीव (मनुष्य, पशु, पक्षी इत्यादि) की स्थिरता बिना किसी पूर्व जानकारी के बिगड़ने लगती है को खलबली कहा जाता है।
वैचारिक या भावनात्मक खलबली: जब मस्तिष्क में किसी बात को लेकर चिंता का भाव अपने चरम पर पहुँच जाता है उस समय व्यक्ति सही निर्णय ले पाने में असमर्थ होता है। उसके मस्तिष्क में आने वाले विचार आपस में टकराते है जो एक उलझन पैदा करते हैं। इसी स्थति में व्यक्ति का विवेक काम नहीं करता तथा वह बिना किसी सोच विचार के क्रियाएं करने लगता है जो भौतिक खलबली के रूप में हमें दिखाई देती हैं तथा मस्तिष्क की इस उलझन को भावनात्मक खलबली कहा जाता है। उदाहरण: “भीड़ भरे स्थान पर किसी आंतक की आशंका होते ही पहले मस्तिष्क में डर के चलते खलबली मचती है तत्पश्चात सभी जन बिना सोच विचार के इधर उधर भागने लगते हैं” खलबली का हिन्दी में प्रयायवाची “हड़बड़ी” है तथा खलबली को इंग्लिश में पैनिक (Panic) कहा जाता है।
भौतिक खलबली: खलबली किसी ऐसी स्थति को कहा जाता है जिसमें भावनाओं में बह कर या किसी डर के कारण अनुशासन की स्थति बिगड़ जाती है। अर्थात लोगों की भीड़ बिना सोचे समझे इधर उधर भागने लगती है। खलबली की स्थति में सभी जन अपनी वैचारिक शक्ति खो देते हैं तथा अनुशासन का ध्यान न रखते हुए भगदड़ मचाने लगते है। सरल शब्दों में कहा जाए तो वह स्थति जहाँ किसी भी संजीव (मनुष्य, पशु, पक्षी इत्यादि) की स्थिरता बिना किसी पूर्व जानकारी के बिगड़ने लगती है को खलबली कहा जाता है।
वैचारिक या भावनात्मक खलबली: जब मस्तिष्क में किसी बात को लेकर चिंता का भाव अपने चरम पर पहुँच जाता है उस समय व्यक्ति सही निर्णय ले पाने में असमर्थ होता है। उसके मस्तिष्क में आने वाले विचार आपस में टकराते है जो एक उलझन पैदा करते हैं। इसी स्थति में व्यक्ति का विवेक काम नहीं करता तथा वह बिना किसी सोच विचार के क्रियाएं करने लगता है जो भौतिक खलबली के रूप में हमें दिखाई देती हैं तथा मस्तिष्क की इस उलझन को भावनात्मक खलबली कहा जाता है। उदाहरण: “भीड़ भरे स्थान पर किसी आंतक की आशंका होते ही पहले मस्तिष्क में डर के चलते खलबली मचती है तत्पश्चात सभी जन बिना सोच विचार के इधर उधर भागने लगते हैं” खलबली का हिन्दी में प्रयायवाची “हड़बड़ी” है तथा खलबली को इंग्लिश में पैनिक (Panic) कहा जाता है।
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