"खम्भा टेकि खड़ी जैसे नारि मुगलाने की" उक्ति कही थी ?
A. प्रेमघन जी ने वामनाचार्य गिरी के लिए
B. वामनाचार्य गिरी ने प्रेमघन जी के लिए
C. शुक्ल जी ने वामनाचार्य गिरी के लिए
D. शुक्ल जी ने प्रेमघन जी के लिए
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I think so this is the answer:-
A. प्रेमघन जी ने वामनाचार्य गिरी के लिए
I hope that it is helpful to you.
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उत्तर:ख)वामनाचार्य गिरी ने प्रेमघन जी के लिए
व्याख्या:एक बार एक प्रसिद्ध कवि वामनाचार्यगिरि चौधरी साहब से मिलने आए। वे मार्ग पर चलते हुए चौधरी साहब पर आधारित कविता का निर्माण कर रहे थे। कविता के आखिर अंक पर वह अटके हुए थे तभी उन्हें ऊपरी बालकनी में चौधरी साहब खड़े दिखाई दिए। उन्हें देखते ही वह तपाक से ज़ोर से बोल पड़े "खंभा टेकि खड़ी जैसे नारि मुगलाने की।"
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