Khan Pan Ki Badalti Tasveer ka saar Apne shabdon Mein likhe
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Answer:इस निबंध के द्वारा लेखक श्री प्रयाग शुक्ल ने आधुनिक युग तथा पश्चिमी सभ्यता के कारण खान-पान की बदलती हुई तस्वीर को दर्शाया है। पिछले दस-पंद्रह वर्षों से हमारे देश की खान-पान की संस्कृति में बहुत बदलाव आया है। उन्होंने समूचे भारत को एकीकृत कर दिया है। दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली, डोसा, सांभर उत्तर भारत में बड़े चाव से खाए जाते हैं वहीं उत्तर भारतीय व्यंजन रोटी, दाल, साग देश के सभी भागों में मिलते हैं। फ़ास्ट फूड (तुरंत भोजन) का चलन सब जगह बढ़ चुका है। 'टू मिनिट नूडल्स' के पैकेट बंद रूप से सभी लोग परिचित हो चुके हैं। अब स्थानीय व्यंजनों के साथ अन्य प्रदेशों के व्यंजन पकवान भी प्रायः हर क्षेत्र में उपलब्ध हैं। गुजरात का ढोकला और बंगाल के रसगुल्ले हर जगह दिखाई देते हैं। अंग्रेजों के समय के ब्रेड अब लाखों-करोड़ों घर में नाश्ते का रूप ले चुके हैं।
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