खनिज मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण है। स्पष्ट कीजिए।
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Answer:
विश्व के बहुत से देशों में खनिज सम्पदा राष्ट्रीय आय के प्रमुख स्रोत बने हुए हैं। किसी भी देश की आर्थिक, सामाजिक उन्नति उसके अपने प्राकृतिक संसाधनों के युक्ति संगत उपयोग करने की क्षमता पर निर्भर करता है। खनिजों की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि एक बार उपयोग में आने के पश्चात ये लगभग समाप्त हो जाते हैं। इसका सम्बन्ध हमारे वर्तमान एवं भविष्य के कल्याण से है। चूँकि खनिज ऐसे क्षयशील संसाधन हैं जिन्हें दोबारा नवीनीकृत नहीं किया जा सकता अतः इनके संरक्षण की आवश्यकता बहुत ज्यादा है।
रोमन साम्राज्य के पतन के अनेकों कारणों में से एक कारण वहाँ के खनिज-निक्षेप का क्षीण होना तथा मृदा अपरदन था। विकसित देशों में विगत कुछ वर्षों पूर्व जो खदानों वाले शहर या कस्बे थे वे आज वीरान, उजाड़ तथा सभ्यता से परित्यक्त इसलिये हो गए हैं क्योंकि खदानों से खनिजों का सम्पूर्ण दोहन हो चुका है तथा आकर्षण समाप्त हो चुका है। कनाडा के इलियट झील के आस-पास के नगर ''आणविक-युग के प्रथम वीरान, उजाड़, परित्यक्त नगरों'' में बदल गए।
Explanation:
इसका कारण इन नगरों से यूरेनियम खनिज जिसकी खुदाई एवं संग्रहण करने के लिये 25,000 आबादी वाली मानव-बस्ती बसाई गई थी (1950-58), जैसे ही अमेरिका को वैकल्पिक आण्विक खनिज (यूरेनियम) के भण्डार मिले, बस्ती की जनसंख्या 5000 हो गई। इस प्रकार की मानवीय क्रियाकलापों से एक आर्थिक-सामाजिक सलाह मिलती है कि खनिज एवं ऊर्जा पर आधारित चमक-दमक की सम्पन्नता एवं सभ्यता को स्थाई नहीं मानना चाहिये।
इस पाठ के अध्ययन से हम पृथ्वी पर पाए जाने वाले विशिष्ट खनिज पदार्थ, खनिज-तेल एवं ऊर्जा के अन्य संसाधनों के भौगोलिक वितरण, इन संसाधनों के साथ संयुक्त समस्याएँ एवं इनके संरक्षण की आवश्यकताओं से अवगत होंगे।
उद्देश्य
इस पाठ का अध्ययन करने के पश्चात आपः
- देश के खनिज संसाधनों की स्थिति बता सकेंगे;
- आर्थिक विकास में खनिज तथा ऊर्जा संसाधनों के महत्त्व को समझा सकेंगे;
- (1) धात्विक एवं अधात्विक खनिज,
(2) परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा के संसाधनों के बीच अंतर कर सकेंगे;
- भारत के मानचित्र में उन भिन्न-भिन्न क्षेत्रों को दर्शा सकेंगे जहाँ खनिज एवं ऊर्जा संसाधन उपलब्ध हैं;
- खनन/शोधन एवं जीवाश्म ईंधन के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को जान सकेंगे;