Hindi, asked by kaluramnitharwal0, 5 months ago

खण्ड-1
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
एक व्यक्ति दिनों तक बैसाखी के सहारे चला.ज्योंही उसकी बैसाखी छीन ली गई उसकी गति रुक गई।
ठीक यही स्थिति उनकी है जो कावलंबी नहीं हैं । जो दूसरे के आलम या सहारे कुछ करने के अभ्यासी है, वह प्रगति
की ऊँची पहाड़ नहीं पहुंच पाते । आखिर उस लता से हम क्या आशा रख सकते हैं जिसका अवलंबन के दिन
अस्तित्व ही नहीं है:
मानव की नदिक खाने के लिए कोई एक स्वर्णिम शास्त्रोपदेश नहीं है, अनेक शास्त्रोपोश हैं। स
शास्त्रों पदेश में एक उपदेश स्वान्न भी है केवल अपने सुंदर दाहिने हाथ की शक्ति पर विश्वास रख अपनी बुद्धि
से जो अपना मार्ग निर्धारित नहीं करते, वे जीवन के पहले ही मोड़ पर भटक जाएँ, तो आश्चर्य की बात नहीं स्वावलंबन
के दा पटल है- अपन काप स्वयं करना और आत्मनिश्चय । गीता में भगवान कृष्ण ने स्वाव्यांजन का पाठ पढ़ाते हुए
कहा है- नादाल दूसरों से सं ना लेने वाला और आप निश्चय से हीन व्यक्ति नष्ट हो जाता है। दूसरे की शक्ति पर
विश्वास रखने वाले हमेशा केला पाता है। संसार के अधिकतर विश्वास व्यर्थ मान्यताओं से भरे हैं इसलिए सर्वोत्तम
यही है कि हम गाल अपने पर विश्वास करें।
प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए।
2. दूस व्यक्ति पर विश्वास करना किस प्रकार घातक साबित होता है?
3.रखांकित शब्द का संधि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिए।
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Answered by Anonymous
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