खण्ड-अ
प्रश्न-1 निम्रलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए.
(10)
जिंदगी जीने के लिए है, बिताने के लिए नहीं। जिंदगी वही जीता है, जिसमें आत्मविश्वास है। जीवन का संबंध जीत से है।
इसमें वही विजयी होता है, जिसमें दृढ़ इच्छाशक्ति हो, जो कठिनाइयों का सामना कर सके। मनुष्य का जीवन एक कर्म
क्षेत्र है, एक संग्राम है, एक संघर्ष है, जहाँ आरंभ से लेकर अंत तक कर्तव्य को साहस और धैर्य के साथ निभाना पड़ता
है। साहस मनुष्य के मन का सम्राट है। साहस और निराशा दोनों में विरोधाभास है। जब साहस मार्ग दिखाता है, तो
अन्य मानसिक और शारीरिक शक्तियाँ भी जाग्रत होकर निराशा को समाप्त कर देती हैं। ठोकर खाकर गिरने में कोई
अपराध नहीं है, अपितु गिर कर न उठना महा अपराध है। जब काली घटाएँ व्यक्ति के सिर पर छा रही हों, तो
संघर्षशील बुद्धिमान व्यक्ति की तरह याद रखना चाहिए कि काली घटाओं के पीछे सूरज चमक रहा है और घटाओं की
सीमा पार करते ही प्रकाश फैल जाएगा।मनुष्य का सबसे अंधकारमय पक्ष उसका अपना मन ही है। मनुष्य का
श्रेष्ठतम पक्ष उसके मानसिक विचार हैं।
1-जिंदगी सबको क्या सीख देती है?
(2)
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2- मनुष्य के जीवन में साहस की क्या भूमिका है।
3- मनुष्य का सबसे अंधकारमय तथा श्रेष्ठतम पक्ष क्या है?
4-उपर्युक्त गद्यांश हमें क्या संदेश दे रहा है?
5-जीवन में सबसे बड़ा अपराध किसे माना गया है?
6- गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
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padhne kadil na hai ghadyansh
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