खण्ड-"ग"
8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने
डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू.
न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते. फटती छाती।
(क) किसान की बहू को लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ?
(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
(ग) काव्यांश में प्रयुक्त दोनो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(अंक 2)
(अंक 2)
(अंक 2)
उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है?
Answers
निम्नलिखित कव्यांश में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए है।
•( क ) किसान की बहु को यद्यपि घर में लक्ष्मी का दर्जा दिया जाना चाहिए था परन्तु उसपर उसके ही पति की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया। उसके पति की ठाकुर के कारकुनों ने मारा था।
• इसी कारण उसे घातिन कहा गया है। प्रताड़ना न सहन कर सकने के कारण उसने भी आत्महत्या कर ली।
नारी के प्रति व्यक्त विचारो पर टिप्पणी निम्नलिखित है।
•नारी को सम्मानजनक निगाहों से नहीं देखा जाता था। नारी की कोई कीमत नहीं थी। किसान के बेटे की मृत्यु होने पर उसके मृत्यु का जिम्मेदार किसान एक बहु को ठहराया गया। उसे घर में लक्ष्मी का स्थान देने का बजाय उसे प्रताड़ित किया गया।
• जब किसान की बहू ने आत्महत्या कि तब किसान को इतना दुख नहीं हुआ जितना दुख उसे अपने बेटे को मृत्यु पर हुआ था। उसके अनुसार औरत पैर की जूती होती है।
( ग) कव्यांश में प्रयुक्त मुहावरों का वाक्य प्रयोग निम्न प्रकार से किया गया है।
पैर की जूती समझना - सम्मान न देना
पुराने जमाने में नारी की पैर की जूती समझा जाता था।
छाती फटना - अत्यंत दुख होना
किसान के बेटे को मृत्यु पर किसान की छाती फट गई।
उत्तर उन आंखों से किसानों की पीड़ित आंखों की ओर संकेत किया गया है।