खण्ड-"ग"
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"घर में विधवा रही पतोह
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने
डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू,
न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते, फटती छाती।
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मेरे घर में मेरे पोता मर गया जिससे मेरी बहू विधवा हो गई जिसका नाम लक्ष्मी था तथा पकड़ मंगवा कोतवाली है एक दिन कुएं में डूब कर मर गई और पैर की जूती जोर न सही एक दूसरी आती पर जवान लड़के को सुनकर सांप लौटते
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यह काव्यांश वह आँखें कविता से ली गई है| यह कविता कवि पंत जी द्वारा लिखी गई है| कवि ने किसान की दुखी जीवन के बारे में बताया है| किसान के पुत्र को जमींदारों ने मार डाला| इसका आरोप उसकी पुत्रवधू पर लगा दिया जाता है| किसान की बहु विधवा हो गई| वह घर में रहत थी , वह घर ली लक्ष्मी के समान थी , उसी पर उसके पति की मृत्यु का आरोप जड़ दिया|
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"घर में विधवा रही पतोहू, लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने, डूब कुएँ में मरी एक दिन।
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