खण्ड क (अपठित बोछ)
ना निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूरे
गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
हमारे जीवन में उत्साह का विशेष स्थान है।
किसी काम को करने के लिये सढ़ा तैयार
रहना तथा उस काम को करने में आनन्द,
अनुभव करना, ठत्साह का प्रमुख लक्षण है।
उत्साह कई प्रकार को होता है, परन्तु सच्चा
उत्साह ही होता है, जो मनुष्य को कार्य
करने के लिए प्रेरणा देा मनुष्य किसी भी
कारातश जब किसी के कष्ट को दूर करने
का संकल्प करता है, तब जिस सुछ को
वह अनुभवक रहा है, वह सूल विशेष के
रूप से प्रेरणा देने वाला छता है। इसी
उत्साह के लिये कहा भी गया है, जिस
कार्य को करने के लिये मनुष्य में कष्ट,
दूख या शनि को सहन करने की ताकत
आती है, उन सबसे उत्पन्न आल्द ही
उत्साह कहलाता है। दान देने वाला व्यक्ति
अपने भीतर एक विशेष सास रखता है,
और वह है धन-त्पाग का सहास। यदि
ठी त्याग मनुष्य प्रसन्नता के साथ करता
है, और वह है धन-त्याग का सहारा।
यदि वहीं त्याग सनुव्य प्रसन्नता के साथ
करता है तो इसी प्रकार, यूर क्षेत्र में वीरता
दिखाने वाला तथा दया करने के लिये ठिरहा
दिखाने वाले भी अपने अपने खेत में उत्साह का
कार्य करने वाले हैं। क) उत्साह के लक्षण तथा सच्चा उत्साह किसे कहा गया है स्पष्ट कीजिए। ख) साहस भरी ही उमंग उत्साह है किसके लिए प्रयुक्त हुआ गया है? ग) उत्साहवर्धन कार्य किस किसके द्वारा होता है? घ) दान देने वाले व्यक्ति के भीतर क्या विशेष साहस होता है ?
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क -> किसी काम को करने के लिए सदा तैयार रहना तथा उस काम को करने में आनंद का अनुभव करना उत्साह का प्रमुख लक्षण है। जो मनुष्य को कार्य करने के लिए प्रेरणा दे वही सच्चा उत्साह है।
ख -> साहस भरा ही उमंग उत्साह है यह युद्ध क्षेत्र में वीरों के लिए प्रयुक्त हुआ है।
ग -> उत्साहवर्धन कार्य दानवीरों, वीरों, तथा किसानों के द्वारा होता है।
घ -> दान देने वाली व्यक्ति के भीतर अपना धन त्याग करने का विशेष साहस होता है।
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Explanation:
gandhyash shabd uchit shirshak likhiye
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