Hindi, asked by beerendraa, 5 months ago

खण्ड-क
प्र.1.-निम्नलिखित गद्याश को ध्यान पूर्वक पढकर इससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-1x10 =10
सत्य के अनेक रूप होते हैं, इस सिद्धान्त को मैं बहुत पसंद करता हूँ। इसी सिद्धान्त ने मुझे एक
मुसलमान को उसके अपने दृष्टिकोण से और ईसाई को उसकेस्वयके दृष्टिकोण से समझना
सिखाया है। जिन अंधों ने हाथी का अलग-अलग तरह से वर्णन किया वे सब अपनी दृष्टि से
ठीक थे। एक-दूसरे की दृष्टि से सब गलत थे, और जो आदमी हाथी को जानता था उसकी दृष्टि
से वे सही भी थे और गलत भी। जब तक अलग-अलग धर्म मौजूद है तब तक प्रत्येक धर्म को
किसी विशेष वाह्य चिन्ह की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन जब वाह्य चिंतन केवल आडम्बर
बन जाते हैं अथवा अपने धर्म को दूसरे धर्मों से अलग बताने के काम आते हैं तब वे त्याज्य हो
जाते हैं। धर्मों के भ्रातृ-मंडल का उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह हिंदू को अधिक अच्छा हिंदू
एक मुसलमान को अधिक अच्छा मुसलमान और एक ईसाई को अधिक अच्छा ईसाई बनाने में मदद
करें। दूसरों के लिए हमारी प्रार्थना वह नहीं होनी चाहिए - ईश्वर, तू उन्हें वहीं प्रकाश दे जो तूने
मुझे दिया है, बल्कि यह होनी चाहिए तू उन्हें वह सारा प्रकाश दे जिसकी उन्हें अपने सर्वोच्च
विकास के लिए आवश्यकता है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) किसी भी धर्म के अनुयायी को उसी के दृष्टिकोण से देखने की समझ किस सिद्धान्त के
कारण पैदा हुई ?
(ग) अधों और हाथी का उदाहरण क्यों दिया गया है ?
(घ) धर्म के वाह्य चिन्हों को कब त्याग देना चाहिए।
(ड) हमें ईश्वर से क्या प्रार्थना करनी चाहिए ?
(च) धर्म के वाह्य चिन्हों को क्यो त्याग देना चाहिए।
(छ) धर्मों के भ्रातृ-मंडल का उद्देश्य क्या होना चाहिए।
(ज) मनुष्य को स्वयं के दृष्टिकोण से क्या सीखने को मिला है?
(झ) प्रत्येक धर्म को किसकी विशेष आवश्यकता होती है?
(ञ) किस प्रकार के लोगों ने हाथी का वर्णन अलग-अलग तरह
से किया है?
आपनों के उत्तर दीजिा​

Answers

Answered by shishir303
2

(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

► उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक होगा। ...  

    ♦ धर्म की समझ ♦

(ख) किसी भी धर्म के अनुयायी को उसी के दृष्टिकोण से देखने की समझ किस सिद्धान्त के कारण पैदा हुई ?

►  किसी भी धर्म के अनुयायी को उसी के दृष्टिकोण से देखने की समझ सत्य के रूपों के सिद्धान्त के कारण पैदा हुई।

(ग) अंधों और हाथी का उदाहरण क्यों दिया गया है ?

► अंधों और हाथी का उदाहरण धर्म को समझने के तरीके कारण दिया गया है।

(घ) धर्म के वाह्य चिन्हों को कब त्याग देना चाहिए।

► धर्म के के बाह्य चिन्हों को तब त्याग देना चाहिये जब ये केवल आडम्बक बन कर रह जायें और दूसरे धर्म को अपने धर्म से अलग बताने लगें।

(ड) हमें ईश्वर से क्या प्रार्थना करनी चाहिए ?

► हमें ईश्वर से ये प्रार्थना करनी चाहिये कि हे ईश्वर! दूसरों को आप वह सारा प्रकाश दो, जिसकी उन्हें अपने सर्वोच्च विकास के लिए आवश्यकता है।

(च) धर्म के वाह्य चिन्हों को क्यों त्याग देना चाहिए।

► धर्म के बाह्य चिन्हों इसलिये त्याग देना चाहिये क्योंकि वे धर्मों के बीच बंटवारा पैदा करते हैं।

(छ) धर्मों के भ्रातृ-मंडल का उद्देश्य क्या होना चाहिए।

► धर्मों के भ्रातृ-मंडल का उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह हिंदू को अधिक अच्छा हिंदू, एक मुसलमान को अधिक अच्छा मुसलमान और एक ईसाई को अधिक अच्छा ईसाई बनाने में मदद करें।  

(ज) मनुष्य को स्वयं के दृष्टिकोण से क्या सीखने को मिला है?

► मनुष्य को स्वयं के दृष्टिकोण से दूसरों धर्मों के बारे में समझने और सीखने को मिलता है।

(झ) प्रत्येक धर्म को किसकी विशेष आवश्यकता होती है?

► प्रत्येक धर्म को बाह्य चिन्ह की विशेष आवश्यकता होती है।

(ञ) किस प्रकार के लोगों ने हाथी का वर्णन अलग-अलग तरह से किया है?

► अंधे और नासमझ लोगों ने हाथी का वर्णन अलग-अलग तरह से किया है।

☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼

Similar questions