खण्ड 'क' (Reading Skills)
अपठित गद्यांश
प्रश्न निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
एक जंगल में परिजात का एक पेड़ था। परिजात का कोई मकाबला नहीं था।
उसकी सुंदरता बेजोड़ थी। उसका रंग-रूप निराला था। परिजात को भी अपने
गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा
रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत
नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता, लगता मानों किसी ने आकाश से सारे तारे
तोड़कर परिजात की शाखाओं पर टॉक दिए हो। नन्हें फूलों से झिलमिलाता
परिजात जब सुगंध भरी पराग जंगल में बिखेरता तो जंगल नंदन बन जाता।
चुंबक की तरह परिजात सबको अपनी तरफ़ खींचता, जिसे देखो, वही परिजात
की तरफ़ भागता । सतरंगी शालें ओढ़े चटकीली तितलियाँ सहेलियों के साथ झुंड
का झुंड बनाकर परिजात का श्रृंगार देखने आतीं तथा जाते-जाते फूलों को
खींचकर ढेरों पराग अपने साथ ले जाती|प्रश्न-
(क) जंगल में किसका पेड़ था?
(ख) परिजात अपने आप को स्वयं क्या समझता था?
(ग) वह अनगिनत फूलों से कब लद जाता था?
(घ) तितलियाँ क्या करती थीं?
(ङ) इस गद्यांश का शीर्षक है-
Answers
Answered by
3
क ) जंगल में पारिजात का पेड़ था ।
ख ) परिताज अपने आपको पेड़ों का सरताज समझता था ।
ग) जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत फूलों से सज जाता था ।
घ) तितलियां परिजात का सिंगार देखने आती थी तथा जाने के समय फूलों की ढेरों पराग लेकर जाती थी ।
ङ) इस गद्यांश का शीर्षक होगा जंगल में परिजात का पेड़ ।
Explanation:
मैं आकाश कुमार गुप्ता उम्मीद करता हूं कि आपको अपने प्रश्नों का उत्तर मिल चुका होगा धन्यवाद ।
Answered by
0
Answer:
जंगल में परिजात का पेड़ था ।
परिजात स्वयंम पेड़ों का सरताज समझता था।
जब बहार में वह अनगिनत फूलों से लद जाता था ।
तितलियाँ उसके फूलों का पराग ले जाती थीं ।
इस गद्यांश का शीर्षक परिजात एक पेड़ ।
Explanation:
धन्यवाद
Similar questions