खण्ड-क (वस्तुपरक प्रश्न)
प्रान-1 निम्नलिखित गदयांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1+1+1+1+1=5)
आज का विज्ञान मानव के लिए साक्षात कल्पतरु और कामधेनु है । इस विज्ञान ने मानव की हर
इच्छा को पूरा किया है तथा प्रकृति को दासी बनाकर स्वर्ग की सुंदर कल्पना को पृथ्वीलोक पर ही साकार
करना प्रारंभ कर दिया है। आज उसने मानव को असीम शक्ति प्रदान की है तथा अनेक वैज्ञानिक
उपकरणों दवारा काल तथा स्थान की बाधाएँ मिटा दी, अंधेरे में नेत्रों को बिजली प्रकाश ने चकाचाँध कर
दिया,अंधों को आँखें दी, बहारों को सुनने की शक्ति दी, जीवन को दीर्घायु बनाया,अनेक असाधारण
बीमारियों पर विजय प्राप्त की तथा प्रकृति के अनेक रहस्यों को खोज निकाला । विज्ञान के बल पर ही
आज मानव जल-थल और आकाश का स्वामी है । मनोरंजन,शिक्षा, कृषि,यातायात उद्योग-धंधे,दूरसंचार
आदि सभी क्षेत्रों में विज्ञान की उपलब्धियों ने चौका देनेवाली है । यातायात के क्षेत्र में साइकिल से लेकर
तीव्रगामी वायुवानों तथा रोकेटों तक की उपलब्धियों ने सम्पूर्ण विश्व को राष्ट्र बना दिया है। जहाँ पहले
घंटों में पहुँचा जाता था,आज वहाँ मिनटों में पहुंचा जा सकता है | अब तो पृथ्वी-पुत्र मानव
चंद्रमा,शुक्र,मंगल तथा अन्य ग्रहों पर पहुँचने के सपने साकार करने लगा है । पहाड़ों को काटकर सड़क
बनाकर नदियों के प्रवास को मोड़कर समुन्द्र की छाती को चीरकर,अंतरिक्ष में उड़ान भरकर विज्ञान ने यह
सिद्ध किया है की वह अलादीन के चिराग की तरह मानव की हर इच्छा पूरी कर सकता है।
1. आज का विज्ञान मानव के लिए किस प्रकार का कार्य कर रहा है ?
2. वैज्ञानिक उपकरणों ने मानव की किस प्रकार सहायता की है ?
3. किन-किन क्षेत्रों में विज्ञान की उपलब्धियों चौका देने वाली है ?
4. मानव अन्य किन यहाँ पर पहुंचने का सपना साकार करने लगा ?
5. उपर्युक्त गदयांश का शीर्षक क्या हो सकता है ?
अथवा
ताजमहल, महात्मा गांधी और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र-इन तीन बातों से दुनिया में हमारे देश की
उची पहचान है। ताजमहल भारत की अंतरात्मा की, उसकी बहुलता की एक धवल धरोहर है। यह
सांकेतिक ताज आज खतरे में है। उसको बचाए रखना बहुत जरूरी है।मजहबी दर्द को गांधी दूर करता
गया। दुनिया जानती है, गांधीवादी नहीं जानते हैं। गांधीवादी उस गांधी को चाहते हैं जो कि सुविधाजनक
है। राजनीतिज्ञ उस गांधी को चाहते हैं जो कि और भी अधिक सुविधाजनक है। आज इस असुविधाजनक
गांधी का पुनः आविष्कार करना चाहिए, जो कि कड़वे सच बताए, खुद को भी औरों को भी।
अंत में तीसरी बात लोकतंत्र की। हमारी जो पीड़ा है, वह शोषण से पैदा हुई है, लेकिन आज विडंबना यह
है कि उस शोषण से उत्पन्न पीड़ा का भी शोषण हो रहा है। यह है हमारा जमाना, लेकिन अगर हम
अपने पर विश्वास रखें और अपने पर स्वराज लाएँ तो हम
Answers
Answered by
2
Answer:
1. मानव की इच्छा पूरी कर रहा है तथा प्राकृति को दासी बना कर स्वर्ग
कि सुंदर कल्पना को पृथवीलोक पर साकार किया।
2. असीम शंकरजी प्रदान की है।
3. मनोरंजन,कृषि, यातायात,उद्योग धंधे,दुरसंचार के क्षेत्र में विज्ञान कि उपलब्धि चौंका देने वाली है।
4. चंद्रमा,शुक्र,मंगल तथा अन्य ग्रहों में जाने के सपने साकार किए हैं।
5. आज का विज्ञान
Similar questions