खण्डक
1 निम्नलिखित गदयांश को ध्यानपूर्वक पदिए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
नरम दल और गरम दल।
सरदार भगतसिंह के जन्म के समय कांग्रेस के दो दल बन चुके थे
नरम दल के लोग नियमो और विधान दवारा देश को स्वतंत्र करवाना चाहते थे। महात्मा गाँधी
जवाहरलाल नेहरू आदि इसी दल के सदस्य थे , परंतु गरम दल वालों का विचार था कि लातों
भूत बातों से नहीं मानते। आजादी विनमता से नहीं मिल सकती इसलिए क्रान्ति का पथ
अपनाना चाहिए। लोकमान्य तिलक इस दल के नेता थे। सरदार भगत सिंह इस दल के
सदस्य बने। 1919 में जलियाँवाला बाग में भगतसिंह ने हजारों लोगों को मरते हुए देखा ,
तब इन्होंने उस भूमि की को माथे से लगाया और सौगध खाई कि जब तक देश को आजाद
नहीं करा लेंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। इसके बाद वे घर से भागकर कानपुर से गणेश
शंकर विदयार्थी के पास रहकर ' प्रताप समाचार -पात्र का संपादन करने लगे। 'प्रताप ' में काम
करने के दौरान ही इनका परिचय बटुकेश्वर दत्त से हुआ। इन्हीं दिनों " नौजवान भारत सभा"
का गठन किया गया था।
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क) कांग्रेस के कितने दल बने थे ?
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ख) भगत सिंह का परिचय किससे
हुआ
?
ग) गद्यांश के अनुसार किस काम को प्रारंभ किया गया ?
घ) नरम दल के लोगो का क्या विचार था ?
ड) सरदार भगत सिंह के दिल में जोश कब जागा ?
च )लोग क्रान्ति का रास्ता किसलिए अपनाना चाहते थे?
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(d) 1919 mai sardar bhagat Singh ke dil mein Josh jaga
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