Hindi, asked by Punam5231, 11 months ago

खण्डकाव्य की विशेषताओं के आधार पर 'त्यागपथी' का मूल्यांकन कीजिए।

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Answered by rajeshmauryamau25
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Answer:

उत्तर प्रसिद्ध साहित्यकार रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ द्वारा रचित ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य एक ऐतिहासिक काव्य है, जिसमें छठी शताब्दी के प्रसिद्ध सम्राट हर्षवर्द्धन के त्याग, तप और सात्विकता का वर्णन किया गया है। इस खण्डकाव्य में कवि ने हर्ष की वीरता का वर्णन किया है। साथ ही भारत की राजनीतिक एकता, संघर्ष, हर्ष की वीरता और उनके द्वारा विदेशी आक्रमणकारियों को भारत से भगाने का भी वर्णन किया है। इस खण्डकाव्य की कथावस्तु को कवि ने पाँच सर्गों में विभाजित किया है। इस खण्डकाव्य की सर्गों के अनुसार कथावस्तु संक्षेपत: इस प्रकार है-

प्रथम सर्ग

राजकुमार हर्षवर्धन वन में शिकार खेलने में व्यस्त थे, तभी उन्हें पिता के रोगग्रस्त होने का समाचार मिला। कुमार तुरन्त लौट आए। पिता को रोगमुक्त करने के लिए वे बहुत उपचार करवाते हैं, परन्तु असफल रहते हैं। उनके बड़े भाई राज्यवर्धन उत्तरापथ पर हूणों से युद्ध करने में लगे हुए थे। हर्ष ने दूत भेजकर पिता की अस्वस्थता का समाचार उन तक पहुँचाया। उधर उनकी माता ने अपने पति की अस्वस्थता को बढ़ता हुआ देखकर आत्मदाह करने का निश्चय किया और बहुत समझाने पर भी वे अपने निर्णय पर अडिग रहीं और पति की मृत्यु से पूर्व ही आत्मदाह कर लिया। कुछ समय पश्चात् हर्ष के पिता की भी मृत्यु हो गई। पिता का अन्तिम संस्कार करके हर्ष दु:खी मन से राजमहल लौट आए।

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