खराब अक्षर और गांधीजी का निबंध
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Essay on Mahatma Gandhi :
‘दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल…साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’। अंग्रेजों के खिलाफ स्वाधीनता की लड़ाई में महात्मा गांधी को एक बार देशद्रोह का भी मुकदमा सहना पड़ा था। मार्च 1922 में अंग्रेजी सरकार ने समाचार पत्र यंग इंडिया में लिखे बापू के लेख को देशद्रोह पूर्ण बताकर उनके खिलाफ देशद्राेह (Sedition) का मुकदमा चलाया था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सुनवाई के दौरान जब जज के सामने गांधी जी ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया और कानून के तहत तय सबसे बड़ी सजा देने को कहा, तो जज का भी सिर शर्म से झुक गया। मतलब साफ था कि अंग्रेजी हुकूमत के इरादे नेक नहीं थे।
‘दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल…साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’। अंग्रेजों के खिलाफ स्वाधीनता की लड़ाई में महात्मा गांधी को एक बार देशद्रोह का भी मुकदमा सहना पड़ा था। मार्च 1922 में अंग्रेजी सरकार ने समाचार पत्र यंग इंडिया में लिखे बापू के लेख को देशद्रोह पूर्ण बताकर उनके खिलाफ देशद्राेह (Sedition) का मुकदमा चलाया था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सुनवाई के दौरान जब जज के सामने गांधी जी ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया और कानून के तहत तय सबसे बड़ी सजा देने को कहा, तो जज का भी सिर शर्म से झुक गया। मतलब साफ था कि अंग्रेजी हुकूमत के इरादे नेक नहीं थे।गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनकी मां का नाम पुतलीबाई और पिता करमचंद गांधी थे। मोहनदास करमचंद गांधी अपने परिवार में सबसे छोटे थे लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। इसीलिए उन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। गांधी जी पर जितना लिखा जाए उतना कम है। उनकी 150वीं सालगिरह मनाने के लिए स्कूलों में बच्चे तक तैयारियों में जुटे हैं। गांधी जी पर अपना भाषण तैयार करने में ये स्टोरी आपको मदद कर सकती है। आप गांधी जी के आंदोलनों को लेकर भी स्पीच तैयार कर सकते हैं।
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