Khargosh aur kachua ki kahani in hindi in short form and also write moral of the story
Answers
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the moral of the story is
don't be so lazy otherwise u will lose ur goal ...
Answer:
कछुए और खरगोश की कहानी आप सबने ज़रूर सुनी होगी, फिर भी एक नजर मारते चलें।
एक बार खरगोश को अपनी तेज चाल पर घमंड हो गया और वह जो मिलता उसे रेस लगाने के लिए चुनौती देता। कछुए ने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली।
रेस हुई। खरगोश तेजी से भागा और काफी आगे जाने पर पीछे मुड़ कर देखा, कछुआ कहीं आता नज़र नहीं आया, उसने मन ही मन सोचा कछुए को तो यहां तक आने में बहुत समय लगेगा, चलो थोड़ी देर आराम कर लेते हैं, और वह एक पेड़ के नीचे लेट गया। लेटे-लेटे कब उसकी आंख लग गई पता ही नहीं चला।
उधर कछुआ धीरे-धीरे मगर लगातार चलता रहा। बहुत देर बाद जब खरगोश की आंख खुली तो कछुआ लक्ष्य तक तक पहुंचने वाला था। खरगोश तेजी से भागा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और कछुआ रेस जीत गया।
कहानी से सीख : धीमा और लगातार चलने वाला रेस जीतता है।
यह कहानी तो हम सब जानते हैं, अब आगे की कहानी देखते हैं:
Explanation: