Hindi, asked by kkh32, 1 year ago

खड़ा हिमालय बता रहा है।
डशे न आंधी पानी में।
खड़े रहो तुम अविचल हो कर
सब संकट तूफानी में।
डिगो ना अपने प्राण से, तो तुम
सब कुछ पा सकते हो प्यारे,
तुम भी ऊँचे उठ सकते हो,
छ सकते हो नभ के तारे।
अचल रहा जो अपने पथ पर
लाख मुसीबत आने में,
मिली सफलता जग में उसको,
नीने में मर जाने में।​

Answers

Answered by arzoo1892
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Answer:

great poem...

good evening

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