Geography, asked by gurusorabh, 1 month ago

खड़ा हिमालय बता रहा है इरो न आधी पानी में, खड़े रहो अपने पथ पर सब कठिनाई तूफानी में। डिगो न अपने प्रण से, तो तुम सब कुछ पा सकते हो प्यारे, तुम भी ऊँचे हो सकते हो छू सकते नभ के तारे। अचल रहा जो अपने पथ पर लाख मुसीबत आने में, मिली सफलता जग में उसको जीने में मर जाने में। जितनी भी बाधायें आई उन सब से ही लड़ा हिमालय, इसीलिए तो दुनिया भर में हुआ सभी से बड़ा हिमालया प्रश्न:1 आपको हिमालय की कौन सी बात अच्छी लगती है ? कोई दो लिखिए- जणीभीपार्यो आई अन वाहिमालय, सीलिरखानण अरमास्त्री जागिालय प्रश्न:2 मुसीबत के समय क्या करना चाहिए ? पद्यांश के आधार पर सोचकर लिखिए - प्रश्न:3 इस काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए - प्रश्न:4 इस काव्यांश में प्रयुक्त रस एवं अलंकार का नाम लिखिए-​

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Answered by Wicoon
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I did not understand the question

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