khel aur hamare svasthya par nibandh 500 se800 sabdon me
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essay on games
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एक प्राचीन कहावत है “पहला सुख निरोगी काया” | इसका मतलब है कि सुखी जीवन का भोग करने के लिए स्वस्थ शरीर का होना जरुरी है | लेकिन शरीर तभी स्वस्थ हो सकता है जब इसके सभी अंग दुरुस्त यानि फिट हो और शारीरिक अंगों को फिट रखने हेतु खेलों से बढ़कर अन्य कोई साधन नहीं है |
जीवन में खेल ही है जो हरेक प्रकार के शारीरिक, सामाजिक, मानसिक, बौद्धिक, और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य गुणों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान करता है | इसीलिए आधुनिक युग में खेलों के प्रति लोगों की रूचि बढ़ने लगी है |
पहले लोग खेल – कूद को शौक, शुगल, मनोरंजन के रूप में या हॉबी अथवा व्यवसाय के रूप में खेलते थे लेकिन अब जीवन में खेलों के लाभ और महत्व को देखते हुए इसे अपने जीवनशैली में स्वस्थ्य रहने के लिए शामिल करने लगे है |
खेल अब केवल विद्द्यार्थी जीवन के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं रहा बल्कि बच्चे, नौजवानों और बृद्ध सबके जीवन में स्वस्थ सुडौल और पुष्ट शरीर के लिए खेल किसी उपहार से कम नहीं है |
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खेलों का स्वास्थ्य के साथ गहरा सम्बन्ध होने के कारण अब हर माता – पिता बच्चों को स्पोर्ट्स में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने लगे है | स्कूलों और कॉलेजों में भी खेल को एक एक्टिविटी के रूप में प्राथमिकता दी गई है | जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों ही खेल के मैदान में अपने शारीरिक क्षमताओं को विकसित करते दिखाई पड़ते है |
खेलों का महत्व ( Importance of Sports and Health in Life)
स्वास्थ्य के मामलें में खेलों की महिमा अपरम्पार है | खेल शरीर को स्वस्थ और स्फूर्तिमय बनाये रखते है |
खेल – कूद के दौरान शरीर के लगभग सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है | मांसपेशिया सुदृढ़ बनती है जिससे काया निरोगी रहती है | स्वास्थ्य रक्षा और सशक्त शरीर के लिए खेल अनिवार्य है | शरीर की श्रम साध्यता इन्हीं पर निर्भर करती है |
खेल का मैदान स्वास्थ्य पर एक स्थायी छाप छोड़ता है | यह शरीर का एक ऐसा ढ़ाचा तैयार करता है जो चुस्त फुर्तीला और बलिष्ठ होता है | इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए बहुसंख्यक शिक्षा संस्थाओं में खेल – कूद एक अनिवार्य विषय है |
कहने का आशय यह है कि हर बालक, किशोर और युवा जो कल का नागरिक है, खेलों के माध्यम से स्वस्थ शरीर का निर्माण करें ताकि उसका जीवन स्वयं के लिए और साथ ही समाज व देश के लिए उपयोगी बन सके |
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HOPE IT HELPS
MARK AS BRAINLIEST........
स्कूल के समय में खेल बच्चों का सबसे पसंदीदा कार्य होता है। जीवन में खेलों के महत्व और लाभों को बताने के लिए, कई बार शिक्षक छात्रों को अपने शब्दों में खेल पर निबंध लिखने का कार्य देते है। यदि आपको भी ऐसे ही निबंधों की आवश्यकता है तो आप बिल्कुल भी परेशान मत होइये, हमारे वेबसाइट पर लिखित खेल से जुड़े विभिन्न शब्द सीमाओं के कई सारे निबंध उपलब्ध है।खेल एक शारीरिक क्रिया है, जिसके खेलने के तरीकों के अनुसार उसके अलग-अलग नाम होते हैं। खेल लगभग सभी बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं, चाहे वे लड़की हो या लड़का। आमतौर पर, लोगों द्वारा खेलों के लाभ और महत्व के विषय में कई सारे तर्क दिए जाते हैं। और हाँ, हरेक प्रकार का खेल शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यह एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
नियमित रुप से खेल खेलना हमारे मानसिक कौशल के विकास में काफी सहायक होता है। यह एक व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक कौशल में भी सुधार करता है। यह हमारे अंदर प्रेरणा, साहस, अनुशासन और एकाग्रता लाने का कार्य करता है। स्कूलों में खेल खेलना और इनमें भाग लेना विद्यार्थियों के कल्याण के लिए आवश्यक कर दिया गया है। खेल, कई प्रकार के नियमों द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है।
खेल एक प्रकार की शारीरिक क्रिया है, जो विशेष तरीके और शैली से खेली जाती है और उनके उसी के अनुसार नाम भी होते हैं। भारतीय सरकार ने विद्यार्थियों और बच्चों के कल्याण और अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक विकास को सुधारने के लिए विद्यालय और कलेजों में खेल खेलना अनिवार्य कर दिया है। बच्चों का किसी भी खेल में भाग लेना बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों और बच्चों को घर पर अभिभावकों और स्कूल में शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित और प्रेरित करना चाहिए।खेल स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सुधारने और बनाए रखने, मानसिक कौशल और एकाग्रता स्तर के साथ ही सामाजिक और वार्तालाप या संवाद कौशल को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। नियमित रुप से खेल खेलना एक व्यक्ति को बहुत सी बीमारियों और शरीर के अंगों की बहुत सी परेशानियों, विशेष रुप से अधिक वजन, मोटापा और हृदय रोगों से सुरक्षित करता है। बच्चों को कभी भी खेल खेलने के लिए हतोत्साहित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें इसके लिए हमेशा प्रोत्साहित ही करना चाहिए।