Khilafat Andolan kya tha Khilafat ke mudde mein Bhartiya Rashtriya Andolan ko kaise Shakti Pradhan ki
Answers
खिलाफत आंदोलन की एक पैन इस्लामिक, राजनीतिक विरोध अभियान था। जब भारत में खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई थी। उस समय मुस्लिमों में भारी आकुलता थी। जिसकी मुख्य कारण केन्द्रीय इस्लामी खिलाफत से मुसलमानों का गहरा संबंध, भावनात्मक लगाव और गहरा प्रेम था। इसलिए खिलाफत आंदोलन को इस्लाम की रूह और मजहब की बुनियाद माना जाता है।वहीं ब्रिटिश शासन के प्रति बढ़ रहे क्रोध ने खिलाफत आंदोलन और असहयोग आंदोलन को जन्म दिया था। दरअसल तुर्की ने प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन के खिलाफ हिस्सा लिया था। वहीं तुर्की पराजित देशों में से एक था और ब्रिटेन ने तुर्की के साथ अन्याय किया था।साल 1919 में मोहम्मद अली और शौकत अली जो कि अली बंधुओं के नाम से मशहूर थे, इनके साथ मौलाना अबुल कलाम आजाद, हसरत मोहानी समेत कुछ अन्य मुस्लिम नेताओं के नेतृत्व में तुर्की के साथ हुए अत्याचार के विरोध में खिलाफत आन्दोलन – Khilafat Andolan चलाया गया।
वहीं तुर्की के सुल्तान को खलीफा अर्थात मुस्लिमों का धर्मगुरु भी माना जाता था| इसलिए तुर्की के साथ हुए अन्याय के मुद्दे को लेकर जो आन्दोलन शुरू हुआ,उसे ही खिलाफत आन्दोलन – Khilafat Movement कहा गया। खिलाफत आंदोलन जो कि 1919 से 1922 तक चलाया गया था, इसका मुख्य मकसद तुर्की के खलीफा पद की स्थापना करने के लिए अंग्रेजों पर दबाव बनाना था।
साल 1922 के आखिरी में जब आंदोलन ढह गया तो तुर्की ने अनुकूल कूटनीतिक स्थिति हासिल की और धर्मनिरपेक्षता की ओर बढ़ावा दिया। जबकि साल 1924 तक तुर्की ने सुल्तान और खलीफा की भूमिका को खत्म कर दिया था।