Hindi, asked by iraagrawal3, 1 year ago

khule aakash mein hindi story by jaswant singh virdi summary please!

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Answered by mchatterjee
39
सचमुच जब जब खुले आसमान के नीचे बैठने का मौका मिलता है। तब तब एकटक बस आकाश को निहारने का मन करता है। आकाश का यह अपनापन। ऐसा प्रतीत होता है कि बस उस आकाश में ही समा जाऊं।

प्रकृति का यह अपना पन।बादलों का चित्र कुछ संदेश देते हैं। सचमुच संपूर्ण सृष्टि में यह आकाश भी काफी सुंदर है।जिसको एक बार देखने से बार-बार देखने का मन करता है।
Answered by kavaysharma2007
11

Answer:

सचमुच जब जब खुले आसमान के नीचे बैठने का मौका मिलता है। तब तब एकटक बस आकाश को निहारने का मन करता है। आकाश का यह अपनापन। ऐसा प्रतीत होता है कि बस उस आकाश में ही समा जाऊं।

प्रकृति का यह अपना पन।बादलों का चित्र कुछ संदेश देते हैं। सचमुच संपूर्ण सृष्टि में यह आकाश भी काफी सुंदर है।जिसको एक बार देखने से बार-बार देखने का मन करता

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