Kin ghatna se pata chalta hai ki heera aur moti mein gehri dosti thi
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हीरा और मोती दो बैलों की कहानी मुंशी प्रेम चंद की कहानी है |
प्रस्तुत कहानी में लेखक ने मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। झूरी नामक किसान के पास हीरा और मोती नाम के दो बैल थे |
- दोनों का हमेशा साथ रहना और एक दूसरे के लिए प्यार और चिन्ता देखकर बहु उनकी दोस्ती का पता चलता था |
- जब लोग बैलों को खेत से पकड़ कर ले जा रहे थे , तब हीरा भाग गया लेकिन जब उसने मोती को लोगों ने पकड़ लिया तो हीरा भी मोती के पास वापिस आ गया |
- हल जोतते समय भी वह एक दूसरे का ध्यान रखते की ज्यादा बहार उसी के पास रहे |
- हीरा और मोती एक दूसरे को चाटकर और सूंघ कर अपना प्रेम प्रकट करते थे |
- किसी भी मुसीबत में वह एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते थे |
Answer:
इस कहानी में अनेक घटनाऍ ऐसी हैं जिनसे पता चलता है कि मोती और हीरा में गहरी दोस्ती थी।
1. पहली घटना -
दोनों एक साथ गाड़ी में जाते थे तो यह कोशिश करते थे कि गाड़ी का अधिक बार दूसरे साथी के कंधे पर ना कर उसके कंधे पर आए।
2. दूसरी घटना-
गया ने हीरे के नाम पर डंडा मारा तो मोती से सहा न गया। वह हल, रस्सी, जुआ, जोत सब लेकर भाग पड़ा। उससे हीरा का कष्ट दिखा ना गया।
3. तीसरी घटना-
जब मटर के खेत में मटर खाकर दोनों मस्त हो रहे तो वे सींग मिलाकर एक-दूसरे को खेलने लगे। अचानक मोती को लगा कि हीरा क्रोध में आ गया है तो वह पीछे हट गया। उसने दोस्ती को दुश्मनी में बदलने से रोक लिया।
4. चौथी घटना-
जब उनके सामने विशालकाय सांड आ खड़ा हुआ तो उन्होंने योजना पूर्वक एक-दूसरे का साथ देते हुए उसका मुकाबला किया। सांड एक पर चोट करता तो दूसरा उसकी देह में अपने नुकीले सींग चुभा देता। आखिरकार सांड बेदम होकर गिर पड़ा।