kindly tell me about roudra ras
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जहाँ क्रोध, वैर ,अपमान अथवा प्रतिशोध का भाव भिन्न-भिन्न संचारी भावों,विभावों और अनुभावों के कारण क्रमश: बढ़ते हुए सीमा पार कर जाए वहाँ रौद्र-रस अभिव्यक्ति होता है।
स्थायी - क्रोध
संचारी - गर्व, घमंड, अमर्ष, आवेग, उग्रता आदि।
आलंबन - शत्रु, विरोधी, अपराधी, क्रोध का कारण।
आश्रय - क्रोधित व्यक्ति ।
उद्दीपन - शत्रुतापूर्ण कार्य, विरोध, अपमान, कटुवचन, आज्ञा का उल्लंघन, नियम-भंग आदि।
अनुभाव - आँखें लाल होना, काँपना, ललकारना , हुँकारना , शस्त्र उठाना, कठोर वाणी, गुर्राना, हाँफना, चीखना आदि।
स्थायी - क्रोध
संचारी - गर्व, घमंड, अमर्ष, आवेग, उग्रता आदि।
आलंबन - शत्रु, विरोधी, अपराधी, क्रोध का कारण।
आश्रय - क्रोधित व्यक्ति ।
उद्दीपन - शत्रुतापूर्ण कार्य, विरोध, अपमान, कटुवचन, आज्ञा का उल्लंघन, नियम-भंग आदि।
अनुभाव - आँखें लाल होना, काँपना, ललकारना , हुँकारना , शस्त्र उठाना, कठोर वाणी, गुर्राना, हाँफना, चीखना आदि।
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