kiran bedi Bharat ka Gaurav badhane Vali shot essay in hindi language please
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इन दिनों हर तरफ अन्ना हजारे ही छाए हुए हैं. अन्ना और उनकी टीम हर न्यूज चैनल के हॉट फेवरेट बने हुए हैं. लेकिन अन्ना हजारे के साथ उनकी टीम के सदस्यों में एक ऐसा चेहरा भी है जिसे लोग नारी-सशक्तिकरण की प्रतिमा मानते हैं और वह हैं किरण बेदी. कभी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गाड़ी को गलत पार्किंग करने के जुर्म में उठवा लेने वाली किरण बेदी ने अपने जीवन में कभी किसी चीज से हार नही मानी. आत्मसम्मान और स्वाभिमान से लबरेज किरण बेदी एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने समाज में महिलाओं की पारंपरिक छवि को बदलकर आगे निकलने की कोशिश की और सफल भी रहीं. बेदाग पुलिस कॅरियर के साथ समाज सेवा में अपना समय लगाने के कारण ही आज देश की जनता में उनकी अच्छी खासी पकड़ बनी हुई है.
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एक प्रोफेसर के तौर पर अपनी करियर की शुरुआत करने वाली किरण बेदी ने 1972 में इंडियन पुलिस सर्विसेज (IPS) में देश की पहली महिला आईपीएस बनकर इतिहास रचा।
IPS में सेलेक्शन के बाद किरण बेदी ने कई महीनों तक राजस्थान के माउंट आबू में ट्रेनिंग ली थी।
अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम- संघ शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर में वो 80 पुरुषों के बीच इकलौती महिला थीं। यह एक गौरवमयी क्षण था। साल 1975 में किरण बेदी की पहली पोस्टिंग नई दिल्ली में चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में उप-मंडल पुलिस अधिकारी के तौर पर हुई और इस साल स्वतंत्रता दिवस की परेड में उन्होंने पुरुषों का प्रतिनिधित्व किया था। साल 1981 में किरण बेदी ने दिल्ली में ट्रैफिक डीसीपी का पद संभाला। इस दौरान उन्होंने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए कई काम किए एवं अवैध पार्किंग के खिलाफ कानून बनाए। वहीं क्रेन की शुरुआत करने का क्रेडिट भी किरण बेदी को ही जाता है। इसी वजह से लोग उन्हें उस दौरान ”क्रेन बेदी” भी कहते थे।