kis Darshan ke anusar Vasna Krishna manushya ki samasyaon ke mool karan h
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◉ किस दर्शन के अनुसार वासना तृष्णा मनुष्य की समस्याओं का मूल कारण है।
► बौद्ध दर्शन के अनुसार वासना तृष्णा मनुष्य की समस्याओं का मूल कारण है।
बौद्ध धर्म में वासना और तृष्ट से मुक्ति के लिये निर्वाण प्राप्त करने पर जोर दिया गया है। निर्वाण प्राप्त करने का अर्थ है, तृष्णा का बुझ जाना और वासनाओं का शांत हो जाना। तृष्णा और वासना से ही दुख की प्राप्ति होती है और दुखों से पूरी तरह छुटकारे का एकमात्र उपाय है निर्वाण।
भगवान बुद्ध के उपदेशों के अनुसार संसार अनादि है और अविद्या और तृष्णा से संचालित होकर मनुष्य वासना ग्रस्त होकर भटकता रहता है और बार-बार इसी वासना और तृष्णा के मोह में पड़कर बार-बार जन्म लेता रहता है और वह इस संसार के कुचक्र में फंसा रहता है। संसार में बार-बार जन्म लेकर अपने प्रिय के वियोग और संयोग के मोह के चक्र में फंस जाता है और लंबे समय तक दुखों को भोगता रहता है। इसलिए इन सब दुखों से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय है निर्वाण की प्राप्ति। इस निर्वाण को प्राप्त करने के लिए वैराग्य का मार्ग अपनाना होता है।